हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

हाइकु मञ्जूषा का हाइबुन विशेषांक

 ~ हाइकु मञ्जूषा का हाइबुन विशेषांक ~

अक्तूबर-दिसम्बर : 2023

हाइकु मञ्जूषा (हाइबुन विशेषांक)

आपके प्रतिभाव...


प्रदीप कुमार जी,

   आप कितनी लगन व समर्पण से हिन्दी-साहित्य, विशेषतः हाइकु विधा के लिए सेवारत हैं, उसके लिए आप को जितना भी साधुवाद दिया जाये, कम होगा ।

 आपने हाइकु मंजूषा को, जो ऊँचाई प्रदान की है, वह स्तुत्य है ।

  सारे हाइबुन अत्यंत उच्चकोटि के हैं । इनमें, मेरे हाइबुन को स्थान देकर मुझे अत्यंत सम्मान दिया है । जिसके लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ ।

  सादर अभिवादन ।

~ राधा बल्लभ अग्रवाल 

(नयी दिल्ली)


आदरणीय प्रदीप कुमार जी,

हिन्दी साहित्य की सेवा साधना के साथ साथ हमारे जैसे अनगढ़ पत्थरों को भी तराश रहे हैं । इस अनमोल अंक में मेरे हाइबुन को स्थान दे कर मान दिया है । उसके लिए दिल से बहुत बहुत आभार व धन्यवाद ।

~ राजेन्द्र सिंह राठौड़


आदरणीय सर, 

आपके संपादन में उत्कृष्ट सृजन 🙏🙏

~ मनीष कुमार श्रीवास्तव


आदरणीय Pradeep Kumar Dash जी सादर अभिवादन,

आप धुन के पक्के हैं

जो सोचते

साकार कर ही छोड़ते ।


लो 

हा इ बु न

अंक प्रकाशित

अभिनंदन...


एक कदम

हा इ बु न के नाम

सही पैगाम ।

~ अविनाश बागड़े


आदरणीय प्रदीप कुमार दाश जी, आपका श्रम व साहित्य निष्ठा नमनीय है । नव विशेषांक हेतु बहुत-बहुत बधाई । मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से आभार ..

~ पुष्पा सिंघी


बहुत ही सुंदर विशेषांक बन पड़ा है । आदरणीय प्रदीप जी जिस निष्ठा से हाइकु विधा के लिए समर्पित हैं, उसके लिए उन्हें सहस्त्र प्रणाम करता हूँ। एक और बेहतरीन अंक के लिए आपको बधाई एवं असीमित शुभकामनाएं....  

       मेरे हाइबुन को इस प्रतिष्ठित एवं ऐतिहासिक अंक में स्थान देने हेतु ह्रदयतल से आपके प्रति आभारी हूँ ।

        हाइकु मंजूषा में इस बार जापानी विधा "हाइबुन" पर आधारित विशेषांक प्रकाशित हुआ है । पचास रचनाकारों की रचनाओं से सुसज्जित सम्भवतः विश्व के इस प्रथम हाइबुन विशेषांक में मेरी रचना को स्थान देने के लिए संपादक श्री प्रदीप कुमार दाश दीपक जी के प्रति हार्दिक आभारी हूँ। पत्रिका के उन्नयन के लिए असीमित शुभकामनाएं   ....

~ अलंकार आच्छा


विविध भाव

संजोए है मंजूषा

हाइकु धन ।


दिली बधाई

मंजूषा का खज़ाना

खुशियाँ  लाई ।

~ अमिता शाह-'अमी'


हाइबुन विशेषांक के रचनाकारों के बीच स्वयं का नाम देख कर बहुत खुशी हुई इसके लिए प्रदीप दाश जी का ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूँ, साथ ही सभी रचनाकारों को बधाई प्रेषित करती हूँ । 

~ प्रतिभा त्रिपाठी


        आदरणीय प्रदीप कुमार दाश 'दीपक' जी,

जापानी विधा की कविताएँ जैसे हाइकु, ताँका,कतौता, चौका इत्यादि विधा लेखन में सिद्ध हस्त है। वे बहुत ही कर्मठ एवं जुझारू व्यक्तित्व के धनी है। सदैव नित नवीन जापानी विधा की कविताएं सीखने में उनका मार्गदर्शन हमें समूह में मिलता रहता है। इसबार उनका हाइबुन विधा में साझा संकलन प्रकाशित हुआ है, जिसमें मेरे हाइबुन को भी स्थान मिला है। हाइबुन में पहले एक यात्रावृत्तांत गद्य में लिखकर उस पर हाइकु लिखना होता है। सर्वप्रथम प्रदीप कुमार दाश दीपक जी को हार्दिक बधाई एवं साधुवाद।आप इसी तरह प्रगतिपथ पर अग्रसर रहें। सभी हाइबुनकारों को बहुत बहुत बधाइयाँ ।

~ मधु सिंघी


नमस्कार दोस्तों,

    हाइकु मंजूषा के हाइबुन विशेषांक में, मेरे लिखे हाइबुन को स्थान देने हेतु संपादक आदरणीय प्रदीप दाश सर का हृदय से आभार प्रकट करती हूँ ।

        किसी यात्रा का वर्णन कम शब्दों में करते हुए, एक मनोरम दृश्य को हाइकु में प्रस्तुत करने की विधा हाइबुन, का यह अंक बहुत खूबसूरत है ।

~ शर्मिला चौहान


भाव की नदी

है मंजूषा किताब

गोता लगाएं ।


गुलाब जैसी 

मंजूषा की सुगंध

चहुं फैलाएं ।

~ सुनीता दीक्षित


बहुत ही शानदार अंक...

आ. प्रदीप सर साहित्य के लिये पूर्णतः समर्पित....

सभी रचनाकारों को खूब बधाई...

~ विद्या चौहान


अब आ गई

हाइबुन पुस्तक

खुशियां लिए

यात्राओं की स्मृतियां

खट्टी मीठी है

यादें संजोए हुए

लगती मानो

विशाल नभ पर

शब्द सितारे

हाइकुकारों ने ही

टाँक दिए हैं सारे ।।

~ प्रमोदिनी शर्मा

आगरा


प्रदीप जी नमस्कार,

अक्टूबर-दिसंबर का हाइबुन विशेषांकPdf पर पढ़ा, बहुत अच्छा लगा। एक-एक रचनाकार को इतना अच्छा योगदान देने के लिए बधाई

   मैंने अभी तक दक्षिण में रामेश्वरम, कन्याकुमारी, पूर्व में दार्जिलिंग, नेपाल

उत्तर में अटलटनल, सिस्सु, दारचा

पश्चिम में पूरा राजस्थान, द्वारका

मध्य में भोपाल आदि की अनेकों यात्राएं की हैं । ढेरों यादें व सुंदर स्मृतियाँ मन-मस्तिष्क में कुलबुला रही हैं, पर अफ़सोस ! मैं इस अनूठी कृति का हिस्सा न बन सकी । जिसका मुझे ताउम्र पछतावा रहेगा । शायद आगे कोई अवसर मिलेगा तो कोशिश करूंगी ।

शुभकामनाओं सहित ।

~ आशा ज्योति

गाजियाबाद


मेरी रचना सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद ।

बधाई संपादक प्रदीप कुमार दाश 'दीपक ' जी को.. 

गगन- सिंधु से वसुंधरा,कश्मीर से कन्याकुमारी,पर्वतों से समंदर,वनों से रेत तक की यात्राएं एक ही पैकेज में! 'स्थिर-यायावरी'कहूँ तो अधिक सटीक लगेगा! एक स्थान से इतनी यात्राएँ कर लीं अनोखे वाहन पर बैठकर! वाहन का नाम है --हाइकु मंञ्जूषा 'हाइबुन- विशेषांक ' अक्तूबर- दिसम्बर 2023 ।

ऐसा वाहन जो स्थिर है किंतु यायावर भी!

संपादक प्रदीप कुमार दाश 'दीपक' जी को बधाई, जिन्होंने अनोखे वाहन की स्टीयरिंग सीट पर बैठकर यात्राएँ करवायीं---


यात्राएँ हुईं 

अनोखा है वाहन

आनंद-यात्रा ।

~ अर्चना यदु 'अनुपम'

रायपुर छत्तीसगढ़


     "हाइबुन" महीन मलमल सी नर्म कोमल मोरपंखिया ,उतने ही आत्मीय स्पर्श से संवारने वाली विधा है ।डाॅ मिथिलेश दीक्षित जी की प्रेरणा एवं प्रदीप कुमार दाशजी की अभिनव पहल सर्वथा स्तुत्य है।

51 हाइबुनकारों की अनुभूति का ऐश्वर्य "हाइकु मञ्जूषा "में देखा जा सकता है।  

         इसमें न केवल भारत के विभिन्न प्रदेशों के, वरन कनाडा एवं अरब देशों के हाइबुनकार भी अपने हस्ताक्षर दर्ज कर रहे हैं।

 डाॅ मिथिलेश दीक्षित द्वारा संपादित कृति"प्रकृति एवं हाइबुन" की समीक्षा भी एक आकर्षण है।

      मुखपृष्ठ दूरागत संगीत सा हृदय को आन्दोलित करता है ।

~ इन्दिरा किसलय


अनुपम और अभूतपूर्व विशेषांक ! बहुत सुन्दर कलेवर में हाइबुन की एक बहुत स्तरीय, उपयोगी और महत्वपूर्ण  प्रस्तुति !

   हाइकु मंजूषा के हाइबुन विशेषांक को अवश्य ही उपलब्ध कर लें । प्रतियाँ समाप्त हो जाती हैं । दोबारा छापना कठिन होता है ।

~ मिथिलेश दीक्षित


आदरणीय मान्यवर, 

     आज ही हाइकु मंजूषा का हाइबुन विशेषांक प्राप्त हुआ । बहुत सुन्दर  मुखपृष्ठ है ।आपकी मेहनत को सलाम करती हूँ ।आपने इतनी अच्छी सौगात  हम सब को दी है इसलिए आपकी आभारी हूँ ।

~ रूबी दास


   आद. प्रदीप कुमार दाश 'दीपक' जी  द्वारा प्रकाशित "हाइकु मंजूषा का अक्तूबर-दिसम्बर अंक आज प्राप्त हुआ । शानदार मुखपृष्ठ के साथ । कई मंजे हुए हाइबुन लेखकों की लेखनी से सजा हुआ । बहुत धन्यवाद, सर मुझे समय पर प्रेषित करने के लिए । साधुवाद एवम् शुभकामनाएँ ।

~ अमिता शाह 'अमी'


   बहुप्रतीक्षित, स्तरीय देश विदेश के रचनाकारों द्वारा सृजित हाइबुन विशेषांक, जिसे करीने से सजाया डॉ.मिथिलेश दीक्षित जी व प्रदीप कुमार दाश ''दीपक' जी ने । जिसमें ५१ हाइबुनकारों के हाइबुन संग्रहित हैं ।

          दीदी मिथिलेश दीक्षित जी व प्रदीप कुमार दाश 'दीपक' जी  कोटि-कोटि बधाइयां ।

~  डॉ. आनंद प्रकाश शाक्य


बहुत सुन्दर हाइबुन विशेषांक ।

प्रदीप दाश 'दीपक' जी के सम्पादन  में  निर्गत  हाइकु मंजूषा का बहुत ही उपयोगी और  इस विधा का प्रथम  विशेषांक ।

    प्रदीप जी की जितनी प्रशंसा  की जाये, कम ही होगी ।

~ मिथिलेश दीक्षित


   भाई प्रदीप कुमार दास जी की साहित्यिक साधना के परिणाम स्वरूप एक नई जापानी विधा हाइबुन शैली का विशेषांक हम सब साथियों को दीप पर्व पर एक नवीन काव्य पुष्प के रूप में प्राप्त हुआ, जिससे जीवन सुरभित मय हो उठा, भाई को असीम स्नेह सह मेरा आशीष । साधना मय जीवन में सदैव पग बढ़ते रहे मेरी शुभकामनाएं ।

~ देवेन्द्र नारायण दास


    सृजनरत छत्तीसगढ़ के भाई प्रदीप कुमार दाश दीपक द्वारा संपादित हाइकु मंजूषा संचयनिका अक्तूबर, नवंबर, दिसंबर 2023 हाइबुन विशेषांक आज ही प्राप्त हुआ । नितनूतन प्रयोगों के धनी रचनाकार ने मेरे मन वैशिष्ट्य में इतने कोहनूर भर दिए कि सब जुगुनू द्वारा विखेरित मन माणिक्य सा मेरे पुस्तकालय में दीपित हो रहे हैं । सभी रचनाकार बंधुओ को बधाई और मेरा भी हाइबुन 'भागतेपथ' प्रकाशित किया है आपका नैष्ठिक श्रम नमस्य है आपके सातत्व की शुभकामना ।

~ रामनिवास पंथी


हाइकु मंजूषा का हाइबुन विशेषांक  आ गया है । सभी से आग्रह है, हस्तगत करें । प्रतियाँ समाप्त हो गयीं, तो दोबारा प्रकाशित होना सम्भव नहीं  है । यह हिन्दी में हाइबुन पर पहला विशेषांक है, जिसे प्रदीप कुमार  दाश जी ने बहुत परिश्रम से सम्पादित  किया है ।

~ मिथिलेश दीक्षित


आदरणीय संपादक श्री प्रदीप कुमार दाश 'दीपक'  जी, 'हाइबुन विशेषांक' मिला, बहुत आभार । शायद, हिन्दी जगत ही नहीं, विश्व में किसी पत्रिका का यह पहला 'हाइबुन विशेषांक' होगा । अंक संग्रहणीय तो है ही, लेकिन जब जब फुर्सत मिले तब तब बार-बार पढ़ने लायक है । हाइकु जगत में आपका यह कार्य कोई भूल नहीं सकता । आपको तहे दिल से बधाई ।

~ तुकाराम पुंडलिक खिल्लारे


आदरणीय प्रदीप जी, हाइबुन विशेषांक प्राप्त हुआ । यह पत्रिका अपने आप में निराली है ऐसा लगा मानो सभी रचनाकारों ने अपनी यात्राओं के विभिन्न सुगंधियों वाले पुष्पों को सजा कर, एक विशाल गुलदस्ता भेजा है । आपकी पूरी टीम व सभी रचनाकार बधाई के पात्र हैं । 

धन्यवाद ।

~ प्रमोदिनी शर्मा


  आदरणीय मान्यवर, आज हाइकु मञ्जूषा मुझे प्राप्त हुई ।

अति सुंदर.. संग्रहणीय अंक मेरी रचना को पत्रिका में स्थान देने हेतु हार्दिक आभार ।

~ मनीष कुमार श्रीवास्तव

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