हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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मंगलवार, 13 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री डॉ. मीता अग्रवाल जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 

डॉ. मीता अग्रवाल 

हाइकु 


बंधन कच्चे 
धागों का जो टूटे ना
मरते दम ।

भाई बहना
मन भाए गहना
राखी पहना ।

रेशम डोर 
बाँधता है मन को
देके वचन ।

ओ मेरे भैया
धर्म तुम निभाना
रक्षाबंधन ।

आया सावन
यादों मे बचपन
छूटा आँगन ।

बरसी बूँदें
याद आए बाबुल 
घर आँगन ।

भोला मनाए
काँवर उठा चल
चलो शिवाला ।

बहार आई
सावन हरषाया
खुशियाँ छाई ।

बरसा पानी
प्रकृति नाच उठी
सावन छाया ।
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□ डाॅ. मीता अग्रवाल "मधुर"

रायपुर (छत्तीसगढ़)

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