हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 26 अगस्त 2019

~ हाइकुकार अशेष बाजपेयी जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

अशेष वाजपेयी 

हाइकु 

1.
दुख सहा है
प्रवाह में बहा है
सुखी रहा है ।

2.
निखार रूप
कर्म से जीवन का
अनोखी धूप ।

3.
जीवन-मृत्यु 
एक दूसरे के हैं 
पूरक सत्य ।

4.
नेह अपार
देना है जीवन को
नया विस्तार ।

5.
बौराया वन
वसंत के आने से
हर्षाया मन ।

6.
सूना दर्पण 
जैसे भी चाहो तुम 
बिम्ब खिलाओ ।

7. 
सीमायें तोड़ 
जी रहा जो जीवन
सुखी वही है ।

8.
कुछ भी कहो
हारना सभी को है
मृत्यु के आगे ।
~ • ~

□  अशेष बाजपेयी 
रायबरेली (उत्तरप्रदेश)

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