हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

~•~ हाइकु कवयित्री इंदिरा किसलय जी के हाइकु ~•~

हाइकु कवयित्री 

इंदिरा किसलय 

हाइकु

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1.
स्वप्न पाहुन
थोड़ी प्रतीक्षा करें
नैन हैं भरे ।

2.
कितनी सगी
पंखुड़ी पर ओस
जैसे जिन्दगी ।

3.
नदी की साँसें
कुंद करे शैवाल
हाल बेहाल ।

4.
नर्म गोधूलि
झोली में बाँधकर
सूर्य ले चली ।

5.
अनोखी कृति
वर्षा की हर बूँद
है गणपति ।

6.
हैरान रात
नभ के पारिजात
शाखों पे तारे ।

7.
मय संगीत
डायरी में बंद हैं
अनाड़ी गीत ।

8.
धूप चिड़िया
डर से अधमरी
साँझ शिकारी ।

9.
अम्माँ की लोरी
पलकों पर नींद
भीगे फाहे सी ।

10.
माटी का इत्र
कलम में उड़ेला
कृति सचित्र ।
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□  इंदिरा किसलय

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