हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

गुरुवार, 8 अगस्त 2019

~ हाइकुकार अमन चाँदपुरी जी के हाइकु ~

हाइकुकार

अमन चाँदपुरी 

हाइकु 



कच्चे मकान 
गर्मी में सुख देते 
ए सी समान।


खुला गगन
छाया इन्द्रधनुष
हँसती धरा ।


सेल्फी का दौर
हर कोई है तन्हा
कौन अपना ?


जाये ज्यों जान
छाया भी छोड़े साथ
काहे का मान ।


आँखें ज्यों रोती
दर्पण पे उगते
आँसू के मोती ।


टूट न जाए
सँभाल के रखना
रिश्तों का काँच ।


भोर की नींद
करती है लक्ष्य की 
मिट्टी पलीद ।


वही सफल
जिसने सँवारा है
आज व कल ।


सूर्य के ठाठ
देख के जला चाँद
भेड़े कपाट ।


देश से प्रेम
सीमा तक ले गई
माँ के लाल को।


□   अमन चाँदपुरी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

MOST POPULAR POST IN MONTH