हाइकु कवयित्री
स्वाति गुप्ता "नीरव"
हाइकु
1
त्रिलोक धारी
त्रिलोक धारी
करें सर्व कल्याण
शिव पालक ।
2
गौरी के पति
गौरी के पति
हलाहल धारक
देव रक्षक ।
3
सावन आये
सावन आये
मन तुझको ढूंढे
तीज परब ।
तीज परब ।
4
बूंदों ने छेड़ा
बूंदों ने छेड़ा
टुटे साँसों के तार
दिल धड़का ।
5
बरसे मेघ
बरसे मेघ
टूट गया घरौंदा
ढूंढूँ तिनका ।
6
कोयल कूके
आम्र दरख्त झूला
मन चहके
~•~
6
कोयल कूके
आम्र दरख्त झूला
मन चहके
~•~
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