हाइकु कवयित्री
सुधा राठौर
हाइकु
01.
हुआ सबेरा
मेघों की छत पर
सूर्य का डेरा ।
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02.
किलकी बूँदे
सुन रही वसुधा
अँखियाँ मूँदे ।
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03.
खिले सुमन
मुस्कुराई कलियाँ
हँसा चमन ।
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04.
अलि-गुंजन
हवाओं की रागिनी
मन-रंजन ।
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05.
मलय गंध
बिखरा मकरंद
प्रीत के छंद ।
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06.
जल-सिंचन
खेतियाँ सरसाईं
नव-सृजन ।
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07.
पी-पी पपिहा
प्रणय निवेदन
व्याकुल मन ।
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08.
अमुवा डार
झूल रही सखियाँ
गाएँ मल्हार ।
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