हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

हाइकुकार यशवंत "यश" सूर्यवंशी जी के हाइकु

हाइकुकार 

यशवंत "यश" सूर्यवंशी 

हाइकु 


टूटा मकान 
दीपक बना रहा 
दीन आदमी ।


जलता दीप 
रोशन हुए घर
तल में तम ।


पर के घर
जला रहे दीपक 
स्वयं है तम।


चाइना दीये
धाक जमा रखे हैं
देशी खो रहे ।


दीप उद्दीप्त 
मिट रहा अंधेरा 
ज्ञान से तृप्त ।


बुझा दीपक 
टूट गई है साँस 
खोकर आस ।


दीपक जला
विलुप्त हुए तम
मिटा है गम ।


जलो मगर 
दीपक की तरह
मिटे कलह ।


नयन खुले
अंधेरा में उजाला 
दीपक जला ।


यश के खेल
जल रही जनता
है बिना तेल ।
~○~

□ यशवंत "यश" सूर्यवंशी
खम्हिया, झरना, बाराद्वार
जिला - जांजगीर चाम्पा
(छत्तीसगढ़) पिन 495687

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

MOST POPULAR POST IN MONTH