हाइकुकार
अब्दुल समद "राही"
हाइकु
जल की रानी
सदा खुश रहती
गहरे पानी ।
दीया व बाती
सुख दुःख के रहे
सदा ही साथी ।
लगता डर
रोजाना अखबार
खून से तर ।
तेरा काजल
गहरा हुआ जैसे
घना बादल ।
संस्कार पाए
बुजुर्गो से जिसने
जग में छाए ।
पूजा अजान
मेरे भारत मां की
आन व शान ।
ये मंहगाई
गरीब के लिए है
गहरी खाई ।
राम कहानी
तेरी मेरी उसकी
बड़ी सुहानी ।
□ अब्दुल समद "राही"
सिलावट मोहल्ला, ढाल की गली,
सोजत सिटी (राज़स्थान)
पिन - 306104
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