हाइकुकार
सतीश राठी
हाइकु
1.
संस्कार मिले
बनता प्रतिबिम्ब
पुत्र पिता का ।
2.
सजल रहो
जल बनाए वन
जीवन को भी ।
3.
पूरी थाली को
भरता है स्वाद से
पत्नी का हाथ ।
4.
जीवन गीत
गाते गाते आ गए
साठ के पार ।
5.
ताल की खुशी
खाली रहना नही
भर जाना है ।
6.
पत्थर कूल
बहते हैं फिर भी
कितने आँसू ।
7.
मिलन रात
समय उड़ गया
चिड़िया बन ।
8.
घर आँगन
बिखरा है बसंत
आई बिटिया ।
9.
चिड़िया हँसी
चूजे को दाना दूँ
उड़ेगा दूर ।
10.
पहाड़ टूटा
तेरे जाने के बाद
तेरी याद का ।
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