हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 1 अगस्त 2019

हाइकु : सतीश राठी

हाइकुकार

सतीश राठी

हाइकु 


1.
संस्कार मिले
बनता प्रतिबिम्ब
पुत्र पिता का ।

2.
सजल रहो
जल बनाए वन
जीवन को भी ।

3.
पूरी थाली को
भरता है स्वाद से
पत्नी का हाथ ।

4.
जीवन गीत
गाते गाते आ गए
साठ के पार ।

5.
ताल की खुशी
खाली रहना नही
भर जाना है ।

6.
पत्थर कूल
बहते हैं फिर भी
कितने आँसू ।

7.
मिलन रात
समय उड़ गया
चिड़िया बन ।

8.
घर आँगन
बिखरा है बसंत
आई बिटिया ।

9.
चिड़िया हँसी
चूजे को दाना दूँ
उड़ेगा दूर ।

10.
पहाड़ टूटा
तेरे जाने के बाद
तेरी याद का ।
-0-

□ सतीश राठी

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