हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

रविवार, 11 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री डॉ. शैल रस्तोगी जी के उत्कृष्ट हाइकु

हाइकु कवयित्री 

डॉ. शैल रस्तोगी 

हाइकु 


कहाँ सहेजूँ
इतनी सारी धूप
छोटा सा घर ।
●●●

बरसात में 
पियराया पीपल 
झरने लगा ।

●●●
बादल छँटे 
पेड़ों को हँसी आई
शर्मायी धूप ।

●●●
उम्र चिरैया 
इधर से उधर 
ढूँढती दिशा ।

●●●
चाँद झूमर
सितारे टाँकी साड़ी
रात के ठाठ ।
●●●

पनीली आँखें 
सपने बुनती हैं 
मानती नहीं ।
●●●

सोई है धूप
तलहटी जागती 
थकी लड़की ।
●●●

नकचढ़ी है
राजकुमारी-धूप 
सौ-सौ नखरे ।
●●●

धूप की बातें 
सुनते थक गये 
उनींदे घर ।
●●●

हार गई मैं 
गिने न गये तारे
मन सो जा रे ।
●●●

□  शैल रस्तोगी

 एफ-227, शास्त्री नगर 

मेरठ - 250004

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

MOST POPULAR POST IN MONTH