हाइकु कवयित्री
ज्योतिर्मयी पंत
हाइकु
1.
सावन आया
सखियाँ मिल झूलें
सबको भाया ।
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2.
मास पावन
हो रहा शिवार्चन
शुभ सावन ।
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3.
पर्व श्रावणी
नेह रक्षा बंधन
भ्राता भगिनी ।
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4.
पहली बूँदें
सुरभित है माटी
भू रोमांचित ।
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5.
बादल छाए
जन मन हर्षाए
कजरी गाए ।
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6.
मेघ मल्हार
बज रहे मृदंग
नाचती बूँदें ।
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7.
जल प्लावन
डूबे गाँव शहर
कैसा जीवन ।
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8.
देख बारिश
दौड़ते बच्चे ले के
कागज नाव ।
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9.
हुई रंगीन
राहें इन्द्रधनुषी
छातों की होड़ ।
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10.
छाई उमंग
बजती जल तरंग
टीन की छत ।
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