हाइकुकार
रंजन कुमार सोनी
हाइकु
1.
नारी का रूप
नारी का रूप
शांत सरोवर सा
शक्ति अनूप ।
2.
गोरी के गाल
चमकता सूरज
जी का जंजाल ।
3.
पिया है मीत
सिलवट संताप
बेचैनी रात ।
4.
4.
पानी की बूंदें
तन मन में आग
भाग रे भाग ।
5.
कवि की जान
लेखनी है जीवन
उकेरे तान ।
6.
दरख़्त काट
छांव तलाशता है
मूर्ख इंसान ।
7.
अबोध ईर्ष्या
नित बढ़ाये पाप
करें संताप ।
8.
लम्बी सी छाया
व्यथित दोपहरी
पराई काया ।
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