हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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मंगलवार, 13 अगस्त 2019

हाइकुकार संतोष कुमार सिंह जी के हाइकु


हाइकुकार 

संतोष कुमार सिंह 

हाइकु 


【1】
बुझने लगे
ईर्ष्या भरी हवा से
आस्था के दीप ।

【2】
कर लो शोध
स्वर्ग से भी सुंदर
है माँ की गोद ।

【3】
नैनों ने कहा
पिताजी ने समझा
माँ तो चुप थी ।

【4】
काटा जो नींम
वृक्ष नहीं बावरे
मारा हकीम ।

【5】
सोचें शिलाएँ
अहल्या-सी तरेंगी
राम तो आएँ ।

【6】
है अनमोल
ममता मिले न माँ
सिक्कों से तोल ।

【7】
माँ हुई राख
फिर भी नहीं आया
कोख से जाया ।

【8】
उलझा सूत
संभाले न संभले
बिगड़ा पूत ।

【9】
प्रेम के धागे
टूटते चट-चट
स्वार्थ के आगे ।

【10】
सड़कें चौड़ी
दिल हुए हैं तंग
ईश्वर दंग ।

【11】
शान से जिए
लड़े हैं रातभर
तम से दिये ।

【12】
दो दिन रोया
जब मरा था बाप
कुत्ते को वर्षों ।

【13】
करे न चूक
हर लेती है प्राण
निकम्मी भूख ।

【14】
गन की गोली
छलनी करे तन
दिल को बोली ।

【15】
बोयें किसान
फसाद की फसलें
काटें वकील ।
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□  संतोष कुमार सिंह

'चित्रनिकेतन' बी-45 

मोतीकुंज एक्सटेंशन

मथुरा - 281001

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