हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 12 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव जी के हाइकु


हाइकु कवयित्री 

डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव 

हाइकु


1.
बूंद समुद्र
रिश्ता बड़ा गहरा
किसने जाना ।

2.
अलस भोर
है कलरव गान
मन नादान ।

3.
बुझे चिराग
जलाओ उन्हें फिर
मिटे तिमिर ।

4.
मै भोर जगी
नदी किनारे खड़ी
मौन मुखर ।

5.
हार औ जीत
जीवन के दो पक्ष
भोर व शाम ।

6.
महका दिन
सूर्य रश्मियां फैलीं 
चहकें पंछी ।

7.
रूई के फाहे
बिखरे हैं आकाश
जल की आस ।

8.
व्याकुल धरा
निहारे है अम्बर
नदियाँ प्यासी ।
~ • ~

□  डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव

सदर नागपुर (महाराष्ट्र) 

पिन - 440001

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