हाइकुकार
रमेश चन्द्र शर्मा "चन्द्र"
हाइकु
1.
आज पनपे
कल मुरझा जाए
दैहिक प्रेम ।
2.
प्रेम इंद्रधनुष
जन्म-मृत्यु के मध्य
नाम जीवन ।
3.
हाथ में पुष्प
पीठ पीछे गालियाँ
कैसी संस्कृति ?
4.
सत्ता, सच्चाई
सौतेली बहने हैं
कभी भी क्लेश ।
5.
स्थानों से प्रेम
मानवों से क्यों नहीं
चिंता विषय ।
6.
साफ-सुथरा
बालकों का जगत
भेद न खेद ।
7.
साथ भी वह
नदी घाट भी एक
मन न एक ।
8.
आग में घृत
धरने, आंदोलन
आग ना बूझे ।
~ • ~
□ रमेश चन्द्र शर्मा "चन्द्र"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
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