हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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रविवार, 15 सितंबर 2019

~हाइकुकार रमेश चन्द्र शर्मा "चन्द्र" जी के हाइकु~


हाइकुकार 

रमेश चन्द्र शर्मा "चन्द्र"


हाइकु 

1.
आज पनपे
कल मुरझा जाए 
दैहिक प्रेम ।

2.
प्रेम इंद्रधनुष 
जन्म-मृत्यु के मध्य 
नाम जीवन ।

3.
हाथ में पुष्प 
पीठ पीछे गालियाँ
कैसी संस्कृति ?

4.
सत्ता, सच्चाई 
सौतेली बहने हैं 
कभी भी क्लेश ।

5.
स्थानों से प्रेम 
मानवों से क्यों नहीं 
चिंता विषय ।

6.
साफ-सुथरा 
बालकों का जगत 
भेद न खेद ।

7.
साथ भी वह 
नदी घाट भी एक 
मन न एक ।

8.
आग में घृत 
धरने, आंदोलन 
आग ना बूझे ।
~ • ~ 

□  रमेश चन्द्र शर्मा "चन्द्र"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)

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