हाइकुकार
डॉ. सुशील शर्मा
हाइकु
1.
फूली सरसों
वसुधा पुलकित
झूमे बसंत ।
2.
भ्रमर झूलें
धरा बिछी पीतिमा
बौराये मन ।
3.
3.
सुलगा रवि
गरमी में झुलसे
दूब के पाँव।
4.
उजली वादी
शहर में मुनादी
पिघली हवा ।
5.
शाम सुगंधी
सितारों भरी रात
थकी है भोर।
6.
सत्ता सी हवा
गूंगी अंधी बहरी
कहाँ ठहरी ?
~ • ~
□ डॉ. सुशील शर्मा
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