हाइकु कवयित्री
डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव
हाइकु
१.
किरण तपी
ज्वाला बन जलाए
सही न जाए
२.
शीत समय
प्यारी लगी किरणें
तन को भाए ।
३.
करो कोशिश
विधि निधि के संग
होगे सफल ।
४.
पीसे अनाज
साठ वर्ष की पक्की
बुढ़िया चक्की ।
५.
परिवर्तन
सच है जीवन का
स्वीकार कर ।
६.
कैसी है आस
जीवन की ये प्यास
जीने की चाह ।
~ • ~
□ डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव
नागपुर (महाराष्ट्र)
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