हाइकु कवयित्री
सुशीला साहू "शीला"
हाइकु
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नभ शोभित
अम्बर में सुमन
किरण छटा ।
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दूर किरण
झिलमिल सितारे
ओस भ्रमित ।
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अगणित भू
कुमुद सी चाँदनी
पराग कण ।
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शरद चाँद
दुग्ध धवल खीर
सुधा पयोद ।
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क्षितिज प्रभा
धवल शशी रंग
धरती शुभा ।
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ठिठुर रग
मौसम मन भात
ओस की बूँद ।
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चाँदनी रात
सुधा अति प्रितम
सखी भावनी ।
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