हाइकुकार
संतोष कुमार सिंह
हाइकु
【1】
किया कमाल
दीपकों ने ठोकी है
तमों से ताल ।
【2】
ये मत भूल
हिलाता एक दीप
तम की चूल ।
【3】
हारें या जीतें
लडेंगे रातभर
तम से दीप ।
【4】
भरा है पाप
घर के साथ मन
कर तू साफ ।
【5】
झुग्गी के द्वारे
जलेंगे दीप कैसे
तेल न पैसे ।
【6】
दिये हमारे
देखते रहे रात
नभ से तारे ।
【7】
न था निर्झर
प्रकाश से नहाया
मेरा भी घर
【8】
धरा के दिये
जलते देख, जले
नभ के तारे ।
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