हाइकु कवयित्री
सुधा शर्मा
हाइकु
मावस निशा
दीपक जल रहे
संग शलभ ।
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चीरती तम
फैला रहा उजास
नवल आस ।
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देहरी बैठ
जलती रही शमां
तके आसमां ।
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करता जंग
घना तिमिर संग
दीप अनंग ।
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तमस हारा
अर्पित नन्हा दीप
जीवन सारा ।
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□ सुधा शर्मा
राजिम (छत्तीसगढ़)
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