हाइकु कवयित्री
डाॅ. सुरंगमा यादव
हाइकु
आगत शीत
स्वागत को उत्सुक
दीपमालिका ।
जलते दीप
प्रकाश की श्रृंखला
बनाये खड़े ।
दीपों का डेरा
पराजित अंधेरा
अमा की रात ।
जलता दीप
शलभ ने बनाया
समाधिस्थल ।
गहन तम
आशान्वित करता
छोटा-सा दीप !
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□ डाॅ. सुरंगमा यादव
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