हाइकुकार
गंगा प्रसाद पांडेय "भावुक"
हाइकु
एक किरण
प्रकाश की ख़ातिर
हारेगा अंध ।
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फैली चमक
लो हुआ जगमग
अंधेरा छुपा ।
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ज्योति दिये की
कायर था अंधेरा
है दिया तले ।
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आंखों का नूर
दिखता जग सारा
ईश का वर ।
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हिय प्रकाश
आत्मा की ज्योति
ज्ञान जलाये ।
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