हाइकु कवयित्री
पुष्पा सिन्हा
हाइकु
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01.
जीवन जंग
मोहब्बत में सजा
मृत्यु सच्चाई ।
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02.
कँपाती ठंड
धूप को तरसती
दिन में रात ।
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03.
कांँपते हाथ
गर्म चाय की प्याली
उठता धूआँ ।
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04.
पेट में भूख
गरीबी एक श्राप
ठंड कहर ।
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05.
दिल में यादें
आँखो में बरसात
मिलों की दूरी ।
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06.
दिल बैचेन
आँखो में नींद नहीं
लम्बी है रात ।
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□ पुष्पा सिन्हा
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