हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 30 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री सुधा राठौर जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

सुधा राठौर


वसंत ऋतु

गर्म हुई है
वसंत के आते ही
हवा की साँस ।

फूली सरसों
हल्दिया हुई देह
नवोढ़ा रूप ।

सजने लगा
वसुधा की माँग में
सिंदूरी टेसू ।

झरने लगा
सुर्ख गुलमोहर 
मधुमास है ।

आम्र बौराया
महकी अमराई
मदिर-गंध ।

कूकी कोयल
भ्रमर का गुँजन
प्रणयी मन ।

हवा बहकी
महुआ है महका
रवि दहका ।

बिछा दुकूल
अमलतास तले
सोना बिखरा ।

नव-स्पन्दन
वसुधा के आँगन
नव-जीवन ।

उल्लासमय
प्रकृति का आनन
वन-कानन ।

रितु वसंत
लाई है तरुणाई
हर्ष अनंत ।
~•~

□  सुधा राठौर

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