हाइकु कवयित्री
मृदुला मिश्रा
हाइकु
--0--
सर्द समीर
मचलती किरण
आतुर मिले ।
---0---
नूतन वर्ष
माघ की ठिठुरन
गुड़ गजक ।
---0---
नये साल में
भारत के सैनिक
न हों शहीद ।
---0---
साल बदले
पर मैं फटेहाल
दारूण सजा ।
---0---
हरित वर्ण
जंगल हरा-भरा
हुआ पिताभ।
---0---
वन हिरण
सुध-बुध बिसरा
खोजता गंध ।
---0---
दंडाधिकारी
दो दंड दोषियों को
स्वच्छ हो धरा ।
---0---
□ मृदुला मिश्रा
मुम्बई (महाराष्ट्र)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें