हाइकुकार
राजेंद्र मिश्र
हाइकु
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हिलते रहे
खेत के उगे पेड़
खूंटे के पशु ।
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बागवानी में
झूला झूलते बच्चे
खिलते फूल ।
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त्रिमुहानी से
मुड़ती हुई कार
बच्चों का शोर ।
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भोर की लाली
मेहदी रचे हाथ
पिया की साली ।
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खण्ड काव्य है
भूख की दूनिया का
एक इंसान ।
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सूखी धरती
यहाँ फटी बिवाई
हाँफे किसान ।
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□ राजेंद्र मिश्र
चुनार, मीरजापुर (उत्तरप्रदेश)
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