हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

सोमवार, 20 जनवरी 2020

~ हाइकुकार कैलाश कल्ला जी के हाइकु ~

हाइकुकार

कैलाश कल्ला 


हाइकु 

देख तस्वीर
छलक पड़े आँसू
स्मृति ही शेष ।
--0--

पलते जीव
वर्षा, पौध जीवन
भानु ही बीज ।
--0--

सिंधु में गिरा
लहरों संग आया
तट पे बच्चा ।
--0--

पूनो की रात
लहरों संग नाचे
झील में चाँद
--0--

पत्ता ही गिरा
लहर दे खबर
झील के तट ।
--0--

वर्षा की बूँदें 
करे धरा का स्पर्श 
सौंधी खुशबू ।
--0--

क्षितिज पर
अद्भुत सा नजारा
भानु का स्पर्श ।
--0--

खेतों में नाचे
पंख फैला मयूर 
वर्षा का स्पर्श ।
--0--

शकून देती
सर्दी में करे स्पर्श 
भानु किरण ।
--0--

छुपी बकरी
झाड़ ही खाने लगी
बनी शिकार ।
--0--

दे रहे छाँव
प्राणवायु के साथ
वृक्ष महान
--0--

रखे संभाल
बुज़ुर्गों का तजुर्बा 
देते संस्कार ।
---0---

□  कैलाश कल्ला

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