हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 18 जून 2020

हाइकु कवयित्री डॉ. सुरंगमा यादव जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 
डाॅ. सुरंगमा यादव

हाइकु 
--0--

पत्र विहीन
सहमीं-सी डालियाँ 
लगतीं दीन ।

मौन क्रंदन 
सुनता प्रतिध्वनि 
व्याकुल मन ।

दुःख पहाड़ 
अभिव्यक्तियाँ मौन
झरते नैन ।

रेत में पाँव 
वेगवती लहरें 
टक्कर मारें ।

लिखो तो सही
संवेदना के गीत
गायेगी सदी ।

रखते वीर
तरकश में तीर
सोच के साधें ।

अधिक मीठा 
कड़वा-सा लगता
थोड़ा हो तीखा ।

झड़ीं पत्तियाँ 
अनमनी डालियाँ 
सूनी है गोद ।
--0--

□ सुरंगमा यादव

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