हाइकु कवयित्री
कविता कौशिक
हाइकु
1)
बीजारोपण
उगेगा वृक्ष रूप
देगा जीवन ।
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2)
फूँक दी जान
न आयी बूँदें फिर
उदास मन ।
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3)
धरा संभालो
लहरायेंगे ये पेड़
झूमेगा मन ।
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4)
धधकी ज्वाला
आग झुलसा रही
प्यासी है धरा ।
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5)
महका मन
मिल गया चमन
सौंधी सुगंध ।
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06)
संत कबीर
झाँके अंतरमन
खोजे बुराई ।
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07)
रक्षक मेरा
सेना देश की शान
दूजा किसान ।
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08)
मुट्ठी में रेत
झूठी आशाएँ साथ
व्यर्थ आभास ।
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□ कविता कौशिक
नागपुर (महाराष्ट्र) पिन - 440018
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