हाइकु कवयित्री
मधु शुक्ला
हाइकु
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चिंता सताये
हैरान परेशान
बेटी की शादी ।
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प्रतियोगिता
कृत्रिम व्यवहार
चिंता प्रदाता ।
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बेरोजगारी
ये चिंता का विषय
शिक्षा व्यवस्था ।
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लाॅक डाउन
काम काज ठप्प है
रोटी की चिंता ।
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स्वार्थपरता
अपने में मगन
देश की चिंता ।
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जीवन शैली
बदले मान दंड
कल की चिंता ।
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चिंता चिता है
सुलगता इंसान
रहो सजग ।
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□ मधु शुक्ला
सतना (मध्यप्रदेश)
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