हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 19 जून 2020

~ हाइकुकार राजकुमार चौहान जी के हाइकु ~

हाइकुकार

राजकुमार चौहान "भारतीय"

हाइकु 
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धरा थी मौन
घेरा है विपदा ने
दोषी है कौन ।

कहा सलाम
हैं साजिशें दिल में
प्यार धड़ाम ।

ये तानाबाना
रखा ही रह जाना
भजो राम रे ।

तू दयालु है
उबारेगा बला से
मैं अकिंचन ।

भूला नहीं मैं
याद मुझे तू रख
मत परख ।

तम धड़ाम
पूर्व से सूरज का
हुआ सलाम ।

उगा सूरज
एक आस जगी है
भागेगा तम ।

सुख औ दुख
दो किनारे हैं साथ
सिखाते ज्ञान ।
---0---

□ राजकुमार चौहान "भारतीय"
शिवपुरी (म.प्र.)

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