हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 19 जून 2020

~ हाइकुकार दिनेश रस्तोगी जी के हाइकु ~

हाइकुकार


दिनेश रस्तोगी 

हाइकु 
--0--

मानव वन
करुणा,प्रेम,दया
ईश सर्वत्र ।

साफ रखिये
हृदय का दर्पण
हरि दर्शन ।

देश अपना
लुटेरे भी अपने
यही तो रोना ।

मचले तन
कसमसाता मन
लगी लगन ।

सूरज अस्त 
संध्या हो रही मस्त 
दोनों अभ्यस्त ।

मोह के पत्ते
सूख सूख गिरते
वृक्ष बुढ़ापा ।

तितलियों के
फूलों से थे इशारे
हम तुम्हारे ।
---0---

□ दिनेश रस्तोगी

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