हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 20 जून 2020

~ हाइकुकार ओ. पी. गुप्ता जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

ओ. पी. गुप्ता

हाइकु 
--0--

रोया व हँसा 
रोया तो मुस्काया औ
हँसा तो रोया ।

कल्पनाजीवी 
धरती पर खड़े 
नभ निहारे ।

सत्य कड़वा 
कड़वा ही रहेगा 
मीठा कैसे हो !

जज़्बा या तर्क 
दुनिया ज़ज्बे संग 
तर्क निस्संग ।

चढ़ोगे यदि 
उतरना भी होगा 
जीना-मरना ।

कौन जीता है 
तर्क वितर्क जंग 
दोनों हारे हैं ।

मरते रहो 
अमरता है जड़
जग है धारा ।

बादल छाये 
शायद वर्षा होगी 
कभी न होगी ।
---0---

□ ओ. पी. गुप्ता 
हाँसी रोड, शिव नगर, भिवानी 
(हरियाणा)

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