हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शुक्रवार, 19 जून 2020

~ हाइकुकार शंम्भू सिंह रघुवंशी जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

शंम्भू सिंह रघुवंशी "अजेय"
हाइकु

मासूम कली
सदा दबी मसली
फिर भी फली ।

कलिका चली
भगवान को भली
पीढियां जलीं ।

सुमन कली
पाशविकता खली
सरिता गली ।

मैं रामकली
उदर में मचली
आई धवली ।

फुलबगिया
परिवार कलिका
अश्रुछलिका ।

तट हमारा
ढूंढते पतवार
तुम्हारे द्वार ।

नदी किनारे
संगम इतराएं
गंगा नहाते ।

देखते कूल
समय प्रतिकूल
जीवन धन ।

जीव विकट
असमंजस तट
ये मरघट ।

दूर किनारा
अखिलेश सहारा
फिरता मारा ।
---0---

□ शंम्भू सिंह रघुवंशी "अजेय"
 मगराना, गुना (म. प्र.)

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