हाइकुकार
सुभाष शर्मा
हाइकु
--0--
पानी की बूंद
आसमान से गिरी
माटी मे मिली ।
जीवन खिला
हरित क्रांति आई
खुशियाँ लाई ।
पानी का मोल
जीवन अनमोल
वृक्ष बचाओ ।
पछताओगे
सूखेंगे जब ताल
पंछी बेहाल ।
बसंत आया
चली हवा बासंती
आम बौराया ।
बयार चली
कोंपल इतराए
टेसू मुस्काए ।
जिया तरसे
पिया न आए पास
मिलन आस ।
बैरी मौसम
लगाए कैसी अगन
करो जतन।
पिया मिलन
गौरी क्यों शरमाए
नैना झुकाए ।
---0---
- सुभाष शर्मा
610 A , महालक्ष्मी नगर
इन्दौर (म.प्र.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें