हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

रविवार, 23 मई 2021

~•~ हाइकुकार यशपाल निर्मल जी के डोगरी हाइकु ~•~

हाइकुकार

यशपाल निर्मल


हाइकु 

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नीत जे सच्ची 

जमात करामात 

बनग कम्म ।


रमता योगी

खड़ोऐ नां बसोऐ

बगदा पानी ।


ठौर ठकाना 

दाना पानी जंगल

तुप्पन पैंछी ।


रुस्सना तेरा 

करोपी कोई भारी 

बिपता मारी ।


होग सबेरा 

रात गुजरै सेही 

दिन चढ़ग ।


कोयल कूकै 

सुनदा नेई कोई 

कुसगी सना ।


फुल्लें खशबो 

बस्सी दी जिस चाल्ली 

मेरे चितै तूं ।


मजूर किसान 

करम निरमान 

दोऐ महान ।


झूरदे बीती

उमर मेरी सारी 

तुगी गुआई ।


कोमल फुल्लें 

भरमाया भौंरे गी 

हिरख पलै ।

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□  यशपाल निर्मल

जम्मू - 181202

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