हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

सोमवार, 19 जुलाई 2021

~ हाइकु कवयित्री विद्या चौहान जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री

 

विद्या चौहान 


हाइकु 

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भीगी है भोर

हौले से कल रात

बरखा आयी ।


💧💧💧


धरती माई

बूँदों की अठखेली

गोद मुस्काई ।


💧💧💧


टहनी झूला

जलबिंदु सखियाँ

कजरी गायीं ।


💧💧💧


सुमन स्पर्श

पलकों पे बैठाती

बूँद हर्षायी ।


💧💧💧


सूनी अटारी

बूँदों ने महफ़िल

आज जमायी ।


💧💧💧


धूसर धरा

बरखा रंगरेज़

करे पुताई ।


💧💧💧


ले शुचि बूँदें

मही का अभिषेक

करे आषाढ़ ।


💧💧💧


वर्षा भ्रमण

कृषक के हृदय

आस बो आयी ।


💧💧💧


~ विद्या चौहान

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