दृश्य आधारित हाइकु सृजन प्रतियोगिता
हाइकु ताँका प्रवाह
(माह - जुलाई, क्र. 15)
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चयनित प्रतिभागी
प्रविष्टि के हाइकु
1.
अश्कों के मोती
झरे धरा की गोद
घटा बिटिया ।
~ अमिता शाह "अमी"
2
हथेली थाप
बरसात का स्पर्श
जल तरंग ।
~ शुचिता राठी
3.
अल्हड़ मन
बरखा का नर्तन
भीगे है तन ।
~ राजश्री राठी
4.
मेघा बरसे
मोती से जल बिंदु
किसान हर्षे ।
~ निर्मला पांडेय
5.
बरसें मेघा
घर आ मोरे सैंया
तरसे जिया ।
~ बुद्धराजा
6
इश्क की बूंदें
दरिया दिल झूमा
प्यार हो गया ।
~ पूनम मिश्रा पूर्णिमा
7.
भीगे बदन
बारिश का मौसम
क्यों बस हाथ ।
~ छाया श्रीवास्तव
8.
नीर के मोती
सँजो लूँ अंजुरी में
गूँथ लूँ माला ।
~ मीरा जोगलेकर
9.
वर्षा की बूंद
यह जीवन दान
अमृत धार ।
~ मधु सिंघी
10.
ये बारिश
बढ़ाती है तपिश
तप्त विशिष्ट ।
~ ए.ए.लूका
11.
मेघ प्रीतम
मही को पहनाते
बूँदों का हार ।
~ विद्या चौहान
12
बूंदों के गीत
रोम- रोम रमती
तुम्हारी प्रीत ।
~ अल्पा जीतेश तन्ना
13
बूंदो ने छेड़ा
तराना फुहार का
मीठी छुअन ।
~ शीला तापड़िया
14.
झड़ी लगी है
मचलता सावन
हथेलियों पे ।
~ रमा प्रवीर वर्मा
15
देख हथेली
बरसा आकुल हो
चीर मेघ मैं ।
~ रति चौबे
16.
पी की छुअन
कराती एहसास
बैरी बरखा ।
~ सुषमा अग्रवाल
17.
हाथों में मोती
समेंट लू अपने
मिलें जीवन ।
~ कविता कौशिक
18.
बौछार पड़ी
तर्जनी-मध्यमा भी
थिरक उठे ।
~ रूबी दास
19.
स्वागत करे
देता रस चौमासा
बांहें फैलाए ।
~ हरीश रंगवानी
20.
ठंडी फुहार
कृषक की गुहार
दर्द धो गई ।
~ अंजुलिका चावला
21.
व्यर्थ न बहे
जल ही जीवन है
आओ सहेजें ।
~ सुधा राठौर
22.
ये रिमझिम
देती जन जीवन
मयूर मन ।
~ गंगा प्रसाद पांडेय "भावुक"
☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆
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