हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

मंगलवार, 20 जुलाई 2021

~ हाइकु कवयित्री अंजुलिका चावला जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

अंजुलिका चावला 


हाइकु 

--0--


माँ की अँखियाँ

खपरैल की छत

सदैव नम ।

⛈️

गीले में सोया

माँ से चिपककर

मन ये भीगा ।

⛈️

खेत की मिट्टी

बाबा की बिवाइयाँ

दोनो में साम्य ।

⛈️

कुएँ हैं भरे

उम्मीदें लबालब

फूटे ज्यों झिरे ।

⛈️

टीन सुनाए

बूँदों की सरगम

बरखा आए ।

⛈️

जन्मे पनाले

स्वागत है बरखा

चूल्हा बचा ले ।

⛈️

जागी है आशा 

कृषक ने बाँच ली

बूंदों की भाषा ।

⛈️⛈️⛈️


~ अंजुलिका चावला

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