प्रदीप कुमार दाश 'दीपक'
मइनसे के पीरा
(छत्तीसगढ़ी का प्रथम हाइकु संग्रह)
(प्रकाशन वर्ष- 2000)
छत्तीसगढ़ी हाइकु
1.
बापू के फोटू
ऑफिस मा बुहाथे
ओखर आँसू ।
2.
गमकत हे
संगी के मया अऊ
भूईं के माटी ।
3.
विकट रात
एक दीया बताथे
ओला औकात ।
4.
देवता रीझे
मनखे का चीज ए
पथरा सीझे ।
5.
दिल के बिल
निकरथे कविता
अरे मुसवा !
6.
देखत रह..
बुहा जाही उमर
ह.. ह.. नदिया ।
7.
मन के पीरा
उछलत हे आँखी
बन के गूँजा ।
8.
जेब हे खाली
रासन के तारीख
आ गे देवारी ।
9.
आन्हे हा नोहे
लड़ावथे धरम
मइनसे ला ।
10.
कोन कहीस
छुवे नई हावय
अगास कभू ।
---00---
~ प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
साँकरा, जिला- रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
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