हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शनिवार, 19 मार्च 2022

छत्तीसगढ़ी हाइकु : हाइकुकार प्रदीप कुमार दाश "दीपक"

प्रदीप कुमार दाश 'दीपक'


मइनसे के पीरा 
(छत्तीसगढ़ी का प्रथम हाइकु संग्रह)
(प्रकाशन वर्ष- 2000)

छत्तीसगढ़ी हाइकु 

1.

बापू के फोटू 

ऑफिस मा बुहाथे 

ओखर आँसू ।

2.

गमकत हे

संगी के मया अऊ 

भूईं के माटी ।

3.

विकट रात 

एक दीया बताथे 

ओला औकात ।

4.

देवता रीझे 

मनखे का चीज ए

पथरा सीझे ।

5.

दिल के बिल

निकरथे कविता 

अरे मुसवा !

6.

देखत रह..

बुहा जाही उमर 

ह.. ह.. नदिया ।

7.

मन के पीरा 

उछलत हे आँखी 

बन के गूँजा ।

8.

जेब हे खाली

रासन के तारीख

आ गे देवारी ।

9.

आन्हे हा नोहे

लड़ावथे धरम

मइनसे ला ।

10.

कोन कहीस

छुवे नई हावय

अगास कभू ।

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~ प्रदीप कुमार दाश "दीपक"

साँकरा, जिला- रायगढ़ (छत्तीसगढ़)

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