हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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रविवार, 20 मार्च 2022

छत्तीसगढ़ी (सरगुजिया) हाइकु : पद्मनाभ गौतम

छत्तीसगढ़ी 

सरगुजिया हाइकु : पद्मनाभ गौतम

हाइकु 

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फर्रा गे घाम

कोइली हर बोलै 

पाके गा आम ।


खाई त्यौहार 

आवय त लचके 

तेंदू के डार ।


ठण्डा गे फाग 

आवत हावे संगी 

चैती के आग ।


मांदर बाजै 

गँउहा देवल्ला के 

सइला नाचै ।


सूवा के गीत 

मोर मन के पीर 

खोजा रे मीत ।


बंसी के तान

मन ला बसियाये 

झूमै परान ।


~ पद्मनाभ गौतम

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