हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शनिवार, 18 नवंबर 2023

~ माया वसन्दानी जी के सिंधी हाइकु ~

~ माया वसन्दानी जी के सिंधी हाइकु ~


माया वसन्दानी जी 


सिंधी हाइकु 


1.

ततलु सिजु

टुॿंदो समुंड्र में

सीतलु थींदो ।


2.

राति जी राणी

सिज सां छो लॼाए

मुंहुं लिकाए ।


~ माया वसन्दानी

जयपुर


हिन्दी अनुवाद 


1. 

तपा सूरज

सिन्धु में डूब लगाए

शीतल होवे ।


2.

रात की रानी

सूरज से क्यों शर्माए

मुंहुं छिपाए ।


~ माया वसन्दानी

जयपुर

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